ठहर जा ओ गम के बादल ठहर जा,
अब तुझमे वो कल जैसि ताकत नहि,
वक़्त तो बदलता है हर किसि के लिये,
एक तु हि खुदा कि लिखि अकेलि इबादत नहि,
ठहर जा ओ गम के बादल ठहर जा,
अब तुझमे वो कल जैसि ताकत नहि,
तेरा भि अंत होगा हर एक कालि परछायि कि तरह,
पुरी जिंदगि अंधेरा मे जिये ऐसे उजाले हम नहि,
भिगते तो है तुझसे सब मगर,
हर बार जो भीगे वो साहिल हम नहि,
ठहर जा ओ गम के बादल ठहर जा,
अब तुझमे वो कल जैसि ताकत नहि,
लेखक : रोशन धर दुबे
लेखन दिनाक : 25 दिसम्बर 2011 (दोपहर 11:40 )
Sunday, December 25, 2011
Sunday, December 18, 2011
****सभि दोस्तो और दुस्मनो को सुभ प्रभात****
कहां से लायें वो शब्द,
जो आपके दिल को छु जाये,
कैसे मिले हम आपसे एक पल मे,
कि आपको हजार पल कि खुशियां दे जाये..!!
लेखक : रोशन धर दुबे
लेखन दिनांक : 18 दिसंम्बर 2011
जो आपके दिल को छु जाये,
कैसे मिले हम आपसे एक पल मे,
कि आपको हजार पल कि खुशियां दे जाये..!!
लेखक : रोशन धर दुबे
लेखन दिनांक : 18 दिसंम्बर 2011
Wednesday, December 14, 2011
किसि को एक पग मे सहारा मिल जाता है,
किसि को एक पग मे सहारा मिल जाता है,
तो किसि से एक पग पे हि सहारा छिन जाता है,
अक्सर जिन गलियो से गुजरते है हम,
वहां कोइ ना कोइ दिल से हारा मिल जाता है,
बेचैन होता है कोइ किसि के लिये,
तो कोइ आंखो मे आंसु लिये मिल जाता है,
किसि को जिंदगि भर के लिये मिलति है खुशियां,
तो किसि के हिस्से मे दो पल हि खुशि का आता है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 14 दिसम्बर २०११ (सायकाल 8 बजे)
तो किसि से एक पग पे हि सहारा छिन जाता है,
अक्सर जिन गलियो से गुजरते है हम,
वहां कोइ ना कोइ दिल से हारा मिल जाता है,
बेचैन होता है कोइ किसि के लिये,
तो कोइ आंखो मे आंसु लिये मिल जाता है,
किसि को जिंदगि भर के लिये मिलति है खुशियां,
तो किसि के हिस्से मे दो पल हि खुशि का आता है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 14 दिसम्बर २०११ (सायकाल 8 बजे)
Monday, December 12, 2011
वो वक़्त कि धारा क्यु पलट गयि,
वो वक़्त कि धारा क्यु पलट गयि,
और क्यु तुम बदल गये,
हमसे क्या खता हुई जो,
तुम हमारी चाहत को भि खुद से बेदखल कर गये,
याद आती है हमको तुम्हारि हर पल,
जाने किस जहाँ मे हमे छोड तुम ढल गये,
लौट आओ मेरे खातिर इन सुनि गलियो मे,
तुम बिन ना जाने क्युं हम अपनी खुशियो को निगल गये..!
लेखक: रोशन दुबे (समय: 7:47 रात्रि)
और क्यु तुम बदल गये,
हमसे क्या खता हुई जो,
तुम हमारी चाहत को भि खुद से बेदखल कर गये,
याद आती है हमको तुम्हारि हर पल,
जाने किस जहाँ मे हमे छोड तुम ढल गये,
लौट आओ मेरे खातिर इन सुनि गलियो मे,
तुम बिन ना जाने क्युं हम अपनी खुशियो को निगल गये..!
लेखक: रोशन दुबे (समय: 7:47 रात्रि)
कुछ उनसे लिखा , कुछ खुद से लिखा,
कुछ उनसे लिखा , कुछ खुद से लिखा,
जब जब याद आयि मुझको उनकि,
तब तब खत उनको अपने खून से लिखा...!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 12 दिसम्बर २०११ (सुबह 7 बजकर 30मिनट)
जब जब याद आयि मुझको उनकि,
तब तब खत उनको अपने खून से लिखा...!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 12 दिसम्बर २०११ (सुबह 7 बजकर 30मिनट)
Sunday, December 11, 2011
इश्क का इस्तेहार
इश्क का इस्तेहार
आज मेरे दिल मे एक खयाल आया है,
इश्क करने का मुझ पर भि खुमार छाया है,
समझ नहि आता कि कैसे करु किसि लडकि को प्रपोज,
क्युंकि किसि ने गालि तो किसि के जिम्मे मौत आया है,
बहुत सोचा और दिल को भि समझाया है,
मगर आज ये दिल ए नादान आपनि हि करने पे आया है,
बुखार तो है ये इश्क के खुमार का,
जिसे बिना दवा कहां सुकुन आया है,
दोस्तो को इश्क मे हारते देखा है मेरे दिल ने,
मगर आज इसे भि किसि का दिल जितने का खयाल आया है,
बहुत सोचा कि कैसे मिलेगि मेरे दिल को वो हसिना,
जिसकि चाहत मे मेरा दिल भि इश्क मे खोने आया है,
यहि सोच कर मेंने भि पेपर मे एक इस्तेहार छ्पवाया है,
जिस किसि को भि हो मै पसंद उसके दरवाजे पे मेरा बुलावा आया है,
मेरी उमर है 21 साल कि और 5 फिट 4 इंच कि कद काया है,
रहने वाला हु मै महराजगंज नगर का और गाजियाबाद को आया है,
मन मे है एक सपना मेरे साफ्ट्वेयर इंजिनीयर बनने का,
यहि सोच रोशन एम.सि.ए. करने को इग्नु युनिवर्सिटि मे आया है,
जिसको भि हो मेरी जरुरत वो मिले मुझसे इसि वक़्त,
क्युंकि इश्क कि दुनिया मे हु नया और मुझे हजारो का खत आया है,
रहेगा आपके भि खतो का इंतेजार इसि महिने कि 30 तक,
क्युंकि वक़्त कहा है मेरे दिल को ज्यादा ये अपनि हि करने पे आया है,
दिया है इस्तेहार इश्क का क्युंकि मेरे दिल पे इश्क का बुखार छाया है..!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 11 दिसम्बर २०११ (सुबह 10 बजकर 5मिनट)
आज मेरे दिल मे एक खयाल आया है,
इश्क करने का मुझ पर भि खुमार छाया है,
समझ नहि आता कि कैसे करु किसि लडकि को प्रपोज,
क्युंकि किसि ने गालि तो किसि के जिम्मे मौत आया है,
बहुत सोचा और दिल को भि समझाया है,
मगर आज ये दिल ए नादान आपनि हि करने पे आया है,
बुखार तो है ये इश्क के खुमार का,
जिसे बिना दवा कहां सुकुन आया है,
दोस्तो को इश्क मे हारते देखा है मेरे दिल ने,
मगर आज इसे भि किसि का दिल जितने का खयाल आया है,
बहुत सोचा कि कैसे मिलेगि मेरे दिल को वो हसिना,
जिसकि चाहत मे मेरा दिल भि इश्क मे खोने आया है,
यहि सोच कर मेंने भि पेपर मे एक इस्तेहार छ्पवाया है,
जिस किसि को भि हो मै पसंद उसके दरवाजे पे मेरा बुलावा आया है,
मेरी उमर है 21 साल कि और 5 फिट 4 इंच कि कद काया है,
रहने वाला हु मै महराजगंज नगर का और गाजियाबाद को आया है,
मन मे है एक सपना मेरे साफ्ट्वेयर इंजिनीयर बनने का,
यहि सोच रोशन एम.सि.ए. करने को इग्नु युनिवर्सिटि मे आया है,
जिसको भि हो मेरी जरुरत वो मिले मुझसे इसि वक़्त,
क्युंकि इश्क कि दुनिया मे हु नया और मुझे हजारो का खत आया है,
रहेगा आपके भि खतो का इंतेजार इसि महिने कि 30 तक,
क्युंकि वक़्त कहा है मेरे दिल को ज्यादा ये अपनि हि करने पे आया है,
दिया है इस्तेहार इश्क का क्युंकि मेरे दिल पे इश्क का बुखार छाया है..!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 11 दिसम्बर २०११ (सुबह 10 बजकर 5मिनट)
Tuesday, December 6, 2011
I can feel your heart touching tear,
I can feel your heart touching tear,
But you don’t know… how am i …. without you… my dear,
I want to touch to the top of sky,
But without your support... i can’t fly high,
Without you whenever I think what I have,
Just imagine my life without you… how much I cry,
You love me or not… Oh..h..h my dear,
But live in my life until I here,
Without you whenever I walk on the road,
I feel my life is going just like a robot,
I have feelings a lot’s for you my lover,
Please come back in my life with lot’s of pleasure.
~I am missing you from when u have going away from my life my love~
Written By- Roshan Dhar Dubey,
Written Date & Time 6 December 2011 (Noon 12:50 PM)
But you don’t know… how am i …. without you… my dear,
I want to touch to the top of sky,
But without your support... i can’t fly high,
Without you whenever I think what I have,
Just imagine my life without you… how much I cry,
You love me or not… Oh..h..h my dear,
But live in my life until I here,
Without you whenever I walk on the road,
I feel my life is going just like a robot,
I have feelings a lot’s for you my lover,
Please come back in my life with lot’s of pleasure.
~I am missing you from when u have going away from my life my love~
Written By- Roshan Dhar Dubey,
Written Date & Time 6 December 2011 (Noon 12:50 PM)
Monday, December 5, 2011
Jis Tarah Kaliya Ek Din Ful Ban Jati Hai...
Jis Tarah Kaliya Ek Din Ful Ban Jati Hai,
Ushi Tarah Hamare Sapne Bhi Gulsan Ban Jayenge,
Abhi To Hum Apko Apni Yaad Dilate Hai,
Kal Aap Humko Apni Yaad Dilate Najar Aayenge.
that's my life
W.By-R.D.
W.date-3may11
Ushi Tarah Hamare Sapne Bhi Gulsan Ban Jayenge,
Abhi To Hum Apko Apni Yaad Dilate Hai,
Kal Aap Humko Apni Yaad Dilate Najar Aayenge.
that's my life
W.By-R.D.
W.date-3may11
Saturday, December 3, 2011
दोस्ति का वो एक पल हम कैसे भुला देते,
दोस्ति का वो एक पल हम कैसे भुला देते,
मिले थे इतने वक़्त के बात तो उन्हे हम कैसे रुला देते,
सच तो ये था कि मोहब्बत अभि भि सिर्फ उन्हि से थि मेरे दिल मे ,
मगर वो हमे नहि चह्ते थे तो हम उन्हे कैसे बता देते,
मिले थे इतने वक़्त के बाद तो हम उन्हे कैसे रुला देते,
खुश थे वो उन्हे पाकर जिन्हे वो मोहब्बत करते थे,
मगर हम भि थे खुश क्युंकि हम उनको मोहाब्बत जो करते थे.
रोना तो आ रहा था हमे उंनकि खुसि मे,
मगर वो एक पल को मिले थे तो हम उन्हे कैसे रुला देते,
सांसे तो थम सि गयि थि जुबा भि लड्खडा रहे थे,
मगर उनकि खुशि मे हम भि खुशि के गीत गा रहे थे,
वक़्त हि नहि दिया उन्होने एक वक़्त को इकरार करने का,
और मिले भि जब इत्तने दिनो बाद,
तो वक़्त हि नहि मिला उन्हे गले लगा रोने का,
भीग रहि थि पलके मेरी और हम मुस्कुराये जा रहे थे,
वो खुश हो रहे थे हमे गाता देख कर,
हम जाम मे डुबो के खुद को दर्द मे गा रहे थे,
ये खुशि का पल था उंके लिये मगर हम तो मर मर के जि रहे थे,
वो हमारा दिल हि जनता है कि दोस्ति का कर्ज हम कैसे अदा कर रहे थे,
मिले थे वो एक पल को और हम उन्हे कैसे बता देते ,
वक़्त हि नहि दिया उन्होने वरना हम उनको अपना दिल चीर के दिखा देते,
किस्मत ने नहि दिया मौका वरना तो हम उनको अपना प्यार कह देते,
पहले वो मेरे दोस्त थे मेरे और बाद मे प्यार ये हम कैसे भुला देते,
दोस्ति का वो एक पल हम कैसे भुला देते,
मिले भि तो एक पल को तो हम उन्हे कैसे रुला देते,
कह्ते है जिन्हे हम दोस्त उन्हे हम कैसे रुला देते...!!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 3 DEC २०११ (दोपहर 3 बजकर 45मिनट)
मिले थे इतने वक़्त के बात तो उन्हे हम कैसे रुला देते,
सच तो ये था कि मोहब्बत अभि भि सिर्फ उन्हि से थि मेरे दिल मे ,
मगर वो हमे नहि चह्ते थे तो हम उन्हे कैसे बता देते,
मिले थे इतने वक़्त के बाद तो हम उन्हे कैसे रुला देते,
खुश थे वो उन्हे पाकर जिन्हे वो मोहब्बत करते थे,
मगर हम भि थे खुश क्युंकि हम उनको मोहाब्बत जो करते थे.
रोना तो आ रहा था हमे उंनकि खुसि मे,
मगर वो एक पल को मिले थे तो हम उन्हे कैसे रुला देते,
सांसे तो थम सि गयि थि जुबा भि लड्खडा रहे थे,
मगर उनकि खुशि मे हम भि खुशि के गीत गा रहे थे,
वक़्त हि नहि दिया उन्होने एक वक़्त को इकरार करने का,
और मिले भि जब इत्तने दिनो बाद,
तो वक़्त हि नहि मिला उन्हे गले लगा रोने का,
भीग रहि थि पलके मेरी और हम मुस्कुराये जा रहे थे,
वो खुश हो रहे थे हमे गाता देख कर,
हम जाम मे डुबो के खुद को दर्द मे गा रहे थे,
ये खुशि का पल था उंके लिये मगर हम तो मर मर के जि रहे थे,
वो हमारा दिल हि जनता है कि दोस्ति का कर्ज हम कैसे अदा कर रहे थे,
मिले थे वो एक पल को और हम उन्हे कैसे बता देते ,
वक़्त हि नहि दिया उन्होने वरना हम उनको अपना दिल चीर के दिखा देते,
किस्मत ने नहि दिया मौका वरना तो हम उनको अपना प्यार कह देते,
पहले वो मेरे दोस्त थे मेरे और बाद मे प्यार ये हम कैसे भुला देते,
दोस्ति का वो एक पल हम कैसे भुला देते,
मिले भि तो एक पल को तो हम उन्हे कैसे रुला देते,
कह्ते है जिन्हे हम दोस्त उन्हे हम कैसे रुला देते...!!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 3 DEC २०११ (दोपहर 3 बजकर 45मिनट)
हम तो थे अंजान मगर पा गये अपनी अनेको पह्चान,
हम तो थे अंजान मगर पा गये अपनी अनेको पह्चान,
जब ना था हमे सहि दिशओ का ज्ञान तब उनके प्यार से जगा मेरे अंदर छिपे इंसान,
रुप थे अनेक मेरे ये जान मै था बहुत हैरान,
मेरे अंदर थे वो इंसान जिंनसे कभि ना मिला था मै नादान,
कोई था खिलडि, तो कोई था अनाडि,
कोई था सायर, तो कोई था प्रोग्रामर,
सच जान ये मै था बहुत हैरान,
मगर ये दिलायेंगे मुझे इस दुनिया मे एक अलग पहचान,
जिनसे मिलेगि वो सफलता जिसकि है मुझे पुर्वानुमान,
आप भि झांक कर देखो खुद मे क्युंकि आप मे भि है वो इंसान.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
हर सख्स के अंदर कयि तरह के लोग होते है...इसका मतलबा ये है कि एक इंसान कयि तरह कि जिंदगि को आसानि से जिता है मगर उसे इस बात का पता नहि चल पाता..!
अत: मेरा आपसे अनुरोध है कि अपने अंदर कि छिपे सच को मेह्सुस करिये और फिर
सफलता आपके कदमो मे होगि..! ******
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 3 DEC २०११ (दोपहर 3 बजकर 30 मिनट)
जब ना था हमे सहि दिशओ का ज्ञान तब उनके प्यार से जगा मेरे अंदर छिपे इंसान,
रुप थे अनेक मेरे ये जान मै था बहुत हैरान,
मेरे अंदर थे वो इंसान जिंनसे कभि ना मिला था मै नादान,
कोई था खिलडि, तो कोई था अनाडि,
कोई था सायर, तो कोई था प्रोग्रामर,
सच जान ये मै था बहुत हैरान,
मगर ये दिलायेंगे मुझे इस दुनिया मे एक अलग पहचान,
जिनसे मिलेगि वो सफलता जिसकि है मुझे पुर्वानुमान,
आप भि झांक कर देखो खुद मे क्युंकि आप मे भि है वो इंसान.
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
हर सख्स के अंदर कयि तरह के लोग होते है...इसका मतलबा ये है कि एक इंसान कयि तरह कि जिंदगि को आसानि से जिता है मगर उसे इस बात का पता नहि चल पाता..!
अत: मेरा आपसे अनुरोध है कि अपने अंदर कि छिपे सच को मेह्सुस करिये और फिर
सफलता आपके कदमो मे होगि..! ******
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 3 DEC २०११ (दोपहर 3 बजकर 30 मिनट)
Friday, December 2, 2011
ये कम्बखत प्यार कैसा है जो अपने प्यार से घबडाता है,
ये कम्बखत प्यार कैसा है जो अपने प्यार से घबडाता है,
दर्द दिल मे होता है और आंसु आंख मे आता है,
परछायि जो पड जाये उसकि तो दिल खुशियो से खिल जाता है,
प्यार हि एक ऐसा झोका है जो आते जाते हर वक़्त रुलाता है,
अब तो ना नीद आती है और ना ही चैन आता है,
जागे या सोये मगर हर पल मे प्यार बडता जाता है.
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 2 DEC २०११ (रात्रि 10 बजकर 25 मिनट)
आज सुबह ना जाने कौन सि सौगात लेकर आयी थी,
आज सुबह ना जाने कौन सि सौगात लेकर आयी थी,
जो जाते जाते हमारी जिन्दगि मे खुबसुरत शाम लेकर आयी है,
जिसे पुरे दिन डुडते रहा मै सुरज के उजाले मे,
उसे ये शाम हमारे पास खुद ब खुद लेकर आयी है,
जिनसे मिलने कि आरजु हर वक़्त दस्तक देती रह्ति थी मेरे दिल मे,
ये शाम उन्हे मेरे दिल के इतने करीब ले आयी है,
कौन कहता है कि चाहत खतम हो जाती है एक वक़्त के बाद ?
ये एक वक़्त हि जो मेरे लिये उनसे एक मुलाकात ले कर आयी है,
****** शुभ सायंकाल*****
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 2 DEC २०११ (दोपहर 2 बजकर 27 मिनट)
जो जाते जाते हमारी जिन्दगि मे खुबसुरत शाम लेकर आयी है,
जिसे पुरे दिन डुडते रहा मै सुरज के उजाले मे,
उसे ये शाम हमारे पास खुद ब खुद लेकर आयी है,
जिनसे मिलने कि आरजु हर वक़्त दस्तक देती रह्ति थी मेरे दिल मे,
ये शाम उन्हे मेरे दिल के इतने करीब ले आयी है,
कौन कहता है कि चाहत खतम हो जाती है एक वक़्त के बाद ?
ये एक वक़्त हि जो मेरे लिये उनसे एक मुलाकात ले कर आयी है,
****** शुभ सायंकाल*****
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 2 DEC २०११ (दोपहर 2 बजकर 27 मिनट)
सुरज कि किरनो ने फिर अपना उजाला फैलाया है,
सुरज कि किरनो ने फिर अपना उजाला फैलाया है,
मुर्गे ने बांग देकर फिर सबको जगाया है,
मां ने चाय हाथ मे थमा फिर प्यार से सर पे सहलाया है,
पापा ने बाहर से हमको आज फिर आवाज लगाया है,
मेरे भैया ने मुझे आज फिर दोबारा जगाया है,
बहना ने खुशियो से भरा एक चाय का प्याला फिर एक बार बनाया है,
आज मौसम मे फिर पुरानी खुशियों का खुमार छाया है,
लगता है ये रोशन आज सपने मे फिर घर घुम आया है,
जिवन मे मेरे ये कौन सा पल आया है,
अपनी खुशियो को अपने से दूर छोड ये किन खुशियो को पाने आया है?
सुरज कि कस्ति मे रोशनी है मगर,
रोशन अपनी रोशनी कहिं दूर छोड आया है,
आज खुश तो है ये दिल मेरा घर को याद करके मगर,
ना जाने आंखो मे ये आंसुओ का मोति क्युं आया है?
रोशन तो है यहां मगर अपना दिल अपनो के पास छोड आया है,
लगता है ये रोशन एक बार फिर सपने मे अपनो से मिल आया है,
अक्सर जिससे हम प्यार करते है वहि हमारी जिंदगि कहलाया है,
आज सुबह ना जाने क्युं इतनी अछ्छि लगि कि सुरज भी रोशनी से भर आया है,
आप सबको भी मिले मेरे जैसी खुशियो के सपने हर गुजरी रात मे,
यहि दुआ लेकर ये रोशन अपनी रोशनी बिखेरने आया है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 2 DEC २०११ (सुबह 7 बजकर 30 मिनट)
मुर्गे ने बांग देकर फिर सबको जगाया है,
मां ने चाय हाथ मे थमा फिर प्यार से सर पे सहलाया है,
पापा ने बाहर से हमको आज फिर आवाज लगाया है,
मेरे भैया ने मुझे आज फिर दोबारा जगाया है,
बहना ने खुशियो से भरा एक चाय का प्याला फिर एक बार बनाया है,
आज मौसम मे फिर पुरानी खुशियों का खुमार छाया है,
लगता है ये रोशन आज सपने मे फिर घर घुम आया है,
जिवन मे मेरे ये कौन सा पल आया है,
अपनी खुशियो को अपने से दूर छोड ये किन खुशियो को पाने आया है?
सुरज कि कस्ति मे रोशनी है मगर,
रोशन अपनी रोशनी कहिं दूर छोड आया है,
आज खुश तो है ये दिल मेरा घर को याद करके मगर,
ना जाने आंखो मे ये आंसुओ का मोति क्युं आया है?
रोशन तो है यहां मगर अपना दिल अपनो के पास छोड आया है,
लगता है ये रोशन एक बार फिर सपने मे अपनो से मिल आया है,
अक्सर जिससे हम प्यार करते है वहि हमारी जिंदगि कहलाया है,
आज सुबह ना जाने क्युं इतनी अछ्छि लगि कि सुरज भी रोशनी से भर आया है,
आप सबको भी मिले मेरे जैसी खुशियो के सपने हर गुजरी रात मे,
यहि दुआ लेकर ये रोशन अपनी रोशनी बिखेरने आया है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 2 DEC २०११ (सुबह 7 बजकर 30 मिनट)
Tuesday, November 29, 2011
Dosti Ko Hum Apne Dil Ka Junun Bana Lete Hai...
Dosti ko hum apne dil ka junun bana lete hai,
Hum saat samundar paar v dosto ka hujum bana lete hai,
Aap v kabhi humse dost banne ki fariyad to karo,
kyunki hum dosto ko apni chaht,
Aur dosti ko apne dil ka sukun bana lete hai.
W.By-R.D.
w.d.-12june
Hum saat samundar paar v dosto ka hujum bana lete hai,
Aap v kabhi humse dost banne ki fariyad to karo,
kyunki hum dosto ko apni chaht,
Aur dosti ko apne dil ka sukun bana lete hai.
W.By-R.D.
w.d.-12june
Monday, November 28, 2011
कोई इस जहाँ मे नहि समझ पाया गम मे डुबे रोशन को,
कोई इस जहाँ मे नहि समझ पाया गम मे डुबे रोशन को,
हर किसि ने दिया हमे खुशि कि चादर मे लपेट के गम को,
जो जीतना भि अपनापन दिखाया हर पल मे,
वो उतना हि लुट गया है इस रोशन को,
जिसने भि दिया एहसास एक पल प्यार का,
उसने हि दिखाया जिन्दगि भर गम का रास्ता हमको,
जिसकि खुशियो के खातिर हमने हजार झूठ बोले,
आज उसने हि मुझे तबाह करने के लिये एक झूठ बोला सबको,
जिसके अरमानो को हमने पंख लगाये,
उसि ने मेरा पंख काट जमीन पे गिरा दिया हमको,
बार बार चोट खाना तो अब इस दिल कि आदत सि हो गयी है,
किसि ने नहि दि रोशनी इस बुझते हुए रोशन को,
जिसके लिये इस रोशन के दिल का दरवाजा खुला रह्ता था हर पल,
आज उसि ने मना कर दिया आने को उसके घर को,
जिसके हाथो मे हाथ डाल बडाते थे कदम जिन्दगी कि,
आज उसि ने हाथ छोड मेरा ढकेल दिया है जिंदगी कि गर्त को,
अकेला पड गया है रोशन और बुझने लगि है रोशनि इसकि,
कोई तो बचा ले गम मे टुटते हुए इस अकेले रोशन को !!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 28 नवम्बर २०११ (सुबह 9 बजकर 30 मिनट)
Sunday, November 27, 2011
ये वक़्त का दरिया तो समुंदर से भी गहरा होता है,
ये वक़्त का दरिया तो समुंदर से भी गहरा होता है,
इसमे जीतना भी डुबो ये खतम हि नहि होता है,
एक बार समुन्दर को पार करने कि कोशिश् कर तो सकते है,
मगर ये वक़्त को तो कोई किसि वक़्त भी पार नहि कर सकता है,
एक वक़्त को दरिया को रोक हजार पुल बना तो सकते है,
मगर वक़्त को रोक कोइ अपनि बिछडि खुशियां नहि सजा सकता है
रोकने कि कोशिश तो हर कोइ करता है इस वक़्त को,
मगर वक़्त किसि को एक वक़्त मे रुकने हि नहि देता है,
जिस तरह दरिया बहते हुए हर वक़्त सबको भाता है,
वक़्त भि उसि तरह दौडते हि सबको नजर आता है,
जिस तरह दरिया कभि खुशि तो कभि गम दे जाता है,
वक़्त भि ठीक उसि तरह सबको दिन दिखलाता है,
ये वक़्त भि ना जाने कौन सा गुल खिलाता है,
सबको कभि हंसाता है तो कभि रुलाता है,
वक़्त तो दरिया से भी तेज है यारो,
जो लहरो सा बल खा कर फिर उसि मोड पे नये जिवन को लाता है..!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 27 नवम्बर २०११ (रात्रि 9 बजकर 45 मिनट)
वक़्त ने मुझे आज ये क्या खूब गुल खिलाया है,
वक़्त ने मुझे आज ये क्या खूब गुल खिलाया है,
कल तक तो जो हंस कर जीता था जिंदगी को,
वो आज मौत कि चादर तले सोने को आया है,
वक़्त ने जो दिया था कल तक मुझे,
वो कल मुझे आज मे छोड आया है,
खुशियां जो कल तक थी मेरे दामन मे,
उसि को वक़्त ने क्या खूब गुल खिलाया है,
जो बांटता था हर वक़्त प्यार सभी को,
उसि कि झोली मे गम का हिस्सा आया है,
मोहब्बत जिसके दिल मे बसति थि सांस बनकर,
उसि को आज मोहब्बत ने क्यु ठुकराया है,
सबकि तन्हायियो मे जो देता था साथ हर वक़्त,
आज वहि हर रात तन्हायियो मे सोता आया है,
खुशि तो अब केवल होठो पे बसति है जिसके,
उसके दिल मे केवल गम का आंसु आया है,
ये वक़्त ने मुझे आज ये क्या गुल खिलाया है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 27 नवम्बर २०११
कल तक तो जो हंस कर जीता था जिंदगी को,
वो आज मौत कि चादर तले सोने को आया है,
वक़्त ने जो दिया था कल तक मुझे,
वो कल मुझे आज मे छोड आया है,
खुशियां जो कल तक थी मेरे दामन मे,
उसि को वक़्त ने क्या खूब गुल खिलाया है,
जो बांटता था हर वक़्त प्यार सभी को,
उसि कि झोली मे गम का हिस्सा आया है,
मोहब्बत जिसके दिल मे बसति थि सांस बनकर,
उसि को आज मोहब्बत ने क्यु ठुकराया है,
सबकि तन्हायियो मे जो देता था साथ हर वक़्त,
आज वहि हर रात तन्हायियो मे सोता आया है,
खुशि तो अब केवल होठो पे बसति है जिसके,
उसके दिल मे केवल गम का आंसु आया है,
ये वक़्त ने मुझे आज ये क्या गुल खिलाया है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 27 नवम्बर २०११
Saturday, November 26, 2011
ओ मां तेरी आंसुओ को देख मेरा कलेजा दहल उटता है,
ओ मां तेरी आंसुओ को देख मेरा कलेजा दहल उटता है,
जो बेटा कल तक तेरी आंचल मे खेलता था,
उसकि लाश तेरे आंचल मे देख ये दिल हर वक़्त खुद को कोसता है,
जो हंसाती थी हमको हर रोते पल मे,
आज उसे रोता देख मेरा दिल रो देता है,
जिसके पलको मे रह्ता था इंतेजार हमारा,
आज उसकि पलको पे खून से सजा एक संसार रह्ता है,
जिसने सिखाया था एक नयी जिंदगी को देना,
आज उसि का लाडला सबकि जिंदगी छीन लेता है,
जो करता था अपने दोस्त को खून के रिस्ते से भी ज्यादा,
आज वहि दोस्त अपने दोस्त का खून कर देता है,
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल भी रो देता है,
जो मां देती थी हर वक़्त सबको खुशियां,
आज उसि का बेटा सबसे खुशियां छीन लेता है,
कौन सहि है और कौन गलत है आज ये तु हि फैसला कर मां,
एक वो तेरा खून था जो अपनी खुशियो के लिये सबका खून कर देता था,
एक वो तेरी आंचल मे खेला वो बेटा है जो सबके लिये तेरे बेटे का खून कर देता है,
ऐसा क्युं होता है एक जिता है तो एक मरता है ?
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल खून के आंसु रोता है,
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 नवम्बर २०११
जो बेटा कल तक तेरी आंचल मे खेलता था,
उसकि लाश तेरे आंचल मे देख ये दिल हर वक़्त खुद को कोसता है,
जो हंसाती थी हमको हर रोते पल मे,
आज उसे रोता देख मेरा दिल रो देता है,
जिसके पलको मे रह्ता था इंतेजार हमारा,
आज उसकि पलको पे खून से सजा एक संसार रह्ता है,
जिसने सिखाया था एक नयी जिंदगी को देना,
आज उसि का लाडला सबकि जिंदगी छीन लेता है,
जो करता था अपने दोस्त को खून के रिस्ते से भी ज्यादा,
आज वहि दोस्त अपने दोस्त का खून कर देता है,
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल भी रो देता है,
जो मां देती थी हर वक़्त सबको खुशियां,
आज उसि का बेटा सबसे खुशियां छीन लेता है,
कौन सहि है और कौन गलत है आज ये तु हि फैसला कर मां,
एक वो तेरा खून था जो अपनी खुशियो के लिये सबका खून कर देता था,
एक वो तेरी आंचल मे खेला वो बेटा है जो सबके लिये तेरे बेटे का खून कर देता है,
ऐसा क्युं होता है एक जिता है तो एक मरता है ?
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल खून के आंसु रोता है,
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 नवम्बर २०११
ओ मां तेरी आंसुओ को देख मेरा कलेजा दहल उटता है,
जो बेटा कल तक तेरी आंचल मे खेलता था,
उसकि लाश तेरे आंचल मे देख ये दिल हर वक़्त खुद को कोसता है,
जो हंसाती थी हमको हर रोते पल मे,
आज उसे रोता देख मेरा दिल रो देता है,
जिसके पलको मे रह्ता था इंतेजार हमारा,
आज उसकि पलको पे खून से सजा एक संसार रह्ता है,
जिसने सिखाया था एक नयी जिंदगी को देना,
आज उसि का लाडला सबकि जिंदगी छीन लेता है,
जो करता था अपने दोस्त को खून के रिस्ते से भी ज्यादा,
आज वहि दोस्त अपने दोस्त का खून कर देता है,
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल भी रो देता है,
जो मां देती थी हर वक़्त सबको खुशियां,
आज उसि का बेटा सबसे खुशियां छीन लेता है,
कौन सहि है और कौन गलत है आज ये तु हि फैसला कर मां,
एक वो तेरा खून था जो अपनी खुशियो के लिये सबका खून कर देता था,
एक वो तेरी आंचल मे खेला वो बेटा है जो सबके लिये तेरे बेटे का खून कर देता है,
ऐसा क्युं होता है एक जिता है तो एक मरता है ?
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल खून के आंसु रोता है,
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 नवम्बर २०११
जो बेटा कल तक तेरी आंचल मे खेलता था,
उसकि लाश तेरे आंचल मे देख ये दिल हर वक़्त खुद को कोसता है,
जो हंसाती थी हमको हर रोते पल मे,
आज उसे रोता देख मेरा दिल रो देता है,
जिसके पलको मे रह्ता था इंतेजार हमारा,
आज उसकि पलको पे खून से सजा एक संसार रह्ता है,
जिसने सिखाया था एक नयी जिंदगी को देना,
आज उसि का लाडला सबकि जिंदगी छीन लेता है,
जो करता था अपने दोस्त को खून के रिस्ते से भी ज्यादा,
आज वहि दोस्त अपने दोस्त का खून कर देता है,
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल भी रो देता है,
जो मां देती थी हर वक़्त सबको खुशियां,
आज उसि का बेटा सबसे खुशियां छीन लेता है,
कौन सहि है और कौन गलत है आज ये तु हि फैसला कर मां,
एक वो तेरा खून था जो अपनी खुशियो के लिये सबका खून कर देता था,
एक वो तेरी आंचल मे खेला वो बेटा है जो सबके लिये तेरे बेटे का खून कर देता है,
ऐसा क्युं होता है एक जिता है तो एक मरता है ?
ओ मां तुझे रोता देख मेरा दिल खून के आंसु रोता है,
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 नवम्बर २०११
जो घर का आंगन प्यार भरी खिल्खिलाहट से सजता था,
जो घर का आंगन प्यार भरी खिल्खिलाहट से सजता था,
आज वो आंसुओ कि मोतियो से सजता है !
मिट गया वो देश जो कभि सोने से सजता था,
सोने कि जगह ये देश अब अपनो के खून से सजता है !!
कबके मर गये इस देश को मिटाने वाले,
फिर भी इस देश को अपनो से डर लगता है !!!
कल तक जो था खुशियो का महल,
अब उस महल मे जीना एक सपना सा लगता है !V
दुसरो को छोडो यहाँ तो हर कोई अपना भी बिकता है,
असलियत को तो छोडो यहाँ सपना भी बिकता है V
बेचने को तो यहाँ पे जजबात भी बिकता है,
ये हिंदुस्तान है यहाँ पे कत्लेआम भी बिकता है V!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 नवम्बर २०११
आज वो आंसुओ कि मोतियो से सजता है !
मिट गया वो देश जो कभि सोने से सजता था,
सोने कि जगह ये देश अब अपनो के खून से सजता है !!
कबके मर गये इस देश को मिटाने वाले,
फिर भी इस देश को अपनो से डर लगता है !!!
कल तक जो था खुशियो का महल,
अब उस महल मे जीना एक सपना सा लगता है !V
दुसरो को छोडो यहाँ तो हर कोई अपना भी बिकता है,
असलियत को तो छोडो यहाँ सपना भी बिकता है V
बेचने को तो यहाँ पे जजबात भी बिकता है,
ये हिंदुस्तान है यहाँ पे कत्लेआम भी बिकता है V!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 नवम्बर २०११
आज जो था वो कल मे गुजर गया,
आज जो था वो कल मे गुजर गया,
कल जो आने वाला था वो आज मे उतर गया !
धुल कभि चाट्टान मे तो चट्टान कभि धुल मे बदल गया,
उडा था जो उंचायियो कि तरफ वो आज समुंदर मे मिल गया !!
एक पल मे उड्ता पतंग कट के जमि पे गिर गया,
जिसने किया था गुमान खुद पर वो वो आज खुद ब खुद मिट गया !!!
ना जाने किसने दि थी आवाज मुझे जो मर के भी जीवीत हो गया,
सिख सच कि आस्था को मन मे मेरे प्यार का साहिल जाग गया !V
जो कल था अकेला वो आज अपनो से मिल गया,
जो तन्हायियो मे सोता था उसे आज सपनो का साथ मिल गया V
चला जिस रास्ते पर मै वो रास्ता हि सबकि जीन्दगी बदल गया,
आज जो मिला वक्त से वक्त भि मेरे संग चल दिया VI
अब जो उडा आसमा कि ओर तो बादल भी डर गया,
छेद कर उस झूठ के बादल को जो मै अपनि मंजिल को पहुंच गया VII
जो गुजरा हुआ कल था वो आज मे बदल गया,
कल जो आने वाला था वो बिते कल मे गुजर गया VIII
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 अगस्त २०११
कल जो आने वाला था वो आज मे उतर गया !
धुल कभि चाट्टान मे तो चट्टान कभि धुल मे बदल गया,
उडा था जो उंचायियो कि तरफ वो आज समुंदर मे मिल गया !!
एक पल मे उड्ता पतंग कट के जमि पे गिर गया,
जिसने किया था गुमान खुद पर वो वो आज खुद ब खुद मिट गया !!!
ना जाने किसने दि थी आवाज मुझे जो मर के भी जीवीत हो गया,
सिख सच कि आस्था को मन मे मेरे प्यार का साहिल जाग गया !V
जो कल था अकेला वो आज अपनो से मिल गया,
जो तन्हायियो मे सोता था उसे आज सपनो का साथ मिल गया V
चला जिस रास्ते पर मै वो रास्ता हि सबकि जीन्दगी बदल गया,
आज जो मिला वक्त से वक्त भि मेरे संग चल दिया VI
अब जो उडा आसमा कि ओर तो बादल भी डर गया,
छेद कर उस झूठ के बादल को जो मै अपनि मंजिल को पहुंच गया VII
जो गुजरा हुआ कल था वो आज मे बदल गया,
कल जो आने वाला था वो बिते कल मे गुजर गया VIII
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 26 अगस्त २०११
Friday, November 25, 2011
गैरो मे भि मैंने आपनो कि तलाश कि है,
मगर गैरो ने हर वक़्त गैरो जैसी हि बात कि है !
जीसे पहले हि दे दिया था अपना सब कुछ्,
उसि ने आज मेरा सब कुछ लुट जाने कि बात कि है !!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 13 जूलाई २०११
जीसे पहले हि दे दिया था अपना सब कुछ्,
उसि ने आज मेरा सब कुछ लुट जाने कि बात कि है !!
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 13 जूलाई २०११
अगर राह चलते किसी से हो जाती मोहब्बत,
अगर राह चलते किसी से हो जाती मोहब्बत,
तो आज ये घर-घर मे नफरत कि दिवार न होती ।
अगर कहने से कर लेता कोई सच्ची मोहब्बत,
तो हर आशिक के दिल मे गम के आँसु कि झनकार न होती ।।
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक एवँ समय: ४ जून २०११, २ बजकर ४० मिनट
तो आज ये घर-घर मे नफरत कि दिवार न होती ।
अगर कहने से कर लेता कोई सच्ची मोहब्बत,
तो हर आशिक के दिल मे गम के आँसु कि झनकार न होती ।।
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक एवँ समय: ४ जून २०११, २ बजकर ४० मिनट
ये सायरी सिर्फ एक संदेश नहि है,
ये सायरी सिर्फ एक संदेश नहि है,
इसमे छिपा मेरा प्यर भि देखियेगा !
मोहब्बत तो हम हज़ारो से करते है,
मगर आप हज़ारो मे सिर्फ अपने लिये मोहब्बत देखियेगा !!
भीड तो लगति है हर मेले को देखने के लिये,
मगर आप खुद के चारो तरफ लगी भीड को मेले मे देखियेगा !!!
लेखक :: रोशन धर दुबे
तिथि :: 11 आप्रैल 2011 (समय सयंकाल 5:59)
इसमे छिपा मेरा प्यर भि देखियेगा !
मोहब्बत तो हम हज़ारो से करते है,
मगर आप हज़ारो मे सिर्फ अपने लिये मोहब्बत देखियेगा !!
भीड तो लगति है हर मेले को देखने के लिये,
मगर आप खुद के चारो तरफ लगी भीड को मेले मे देखियेगा !!!
लेखक :: रोशन धर दुबे
तिथि :: 11 आप्रैल 2011 (समय सयंकाल 5:59)
मुझे तलाश है उन दिलो कि जो.........
मुझे तलाश है उन दिलो कि जो हर हर पल दुसरे के गम मे आंसु बहाते है,
मुझे तलाश है उन दिलो कि जहाँ पे लोग बसकर अपने जिवन को सार्थक बनाते है,
मुझे तलाश है उस घर कि जहाँ से मुझे कोइ ना निकल सके,
मुझे तलाश है उस सफर कि जहाँ सुरुआत तो मै करू मगर अंत कोइ ना कर सके !!
लेखक :: रोशन धर दुबे
तिथि :: 25 नवम्बर 2011
मुझे तलाश है उन दिलो कि जहाँ पे लोग बसकर अपने जिवन को सार्थक बनाते है,
मुझे तलाश है उस घर कि जहाँ से मुझे कोइ ना निकल सके,
मुझे तलाश है उस सफर कि जहाँ सुरुआत तो मै करू मगर अंत कोइ ना कर सके !!
लेखक :: रोशन धर दुबे
तिथि :: 25 नवम्बर 2011
किस जुबान से हम अपने दर्द को किताब मे छपवाये !
किस जुबान से हम अपने दर्द को किताब मे छपवाये !
जिस हाथ से किसि को खुशि ना दे सका,
उन हथो से गम कि किताब कैसे बटवाये !!
जो कभी किसि के गम मे सरिक ना हुआ,
उसे क्यु गम कि याद दिलाये !!!
हमे तो आदत सि पड गयी है जिंदगी को गम मे जिने कि,
जो ना जिया आज तक एक पल भि,
उसे क्यु इस गम कि दुनिया मे लाये ?
लेखक :: रोशन धर दुबे
तिथि :: 25 नवम्बर 2011
एक शहर वो भि था, और एक शहर ये भि है,
एक शहर वो भि था, और एक शहर ये भि है,
एक ज़िन्दगि कल गुजारा था, और एक आज भि गुजर रहा है !
वो अपनो का शहर था, और ये आज मेरे सपनो का शहर है,
वो जो अपनो के संग खुस था, वो सपनो मे ना जाने किधर है !!
सपने तो ना मिले अब तक, मगर अपने दूर हो गये है,
आया था कुछ पाने यहाँ पर, मगर मेरे सपने हि मुझसे खो गये है !!!
(इस सायरी का उद्देश्य लोगो को ये बताना है कि कहि अपने को खुशि देने कि कोशिश मे आप अपने चाहने वालो से दूर मत हो जाना )
लेखक :: रोशन धर दुबे
तिथि :: 25 नवम्बर 2011
एक ज़िन्दगि कल गुजारा था, और एक आज भि गुजर रहा है !
वो अपनो का शहर था, और ये आज मेरे सपनो का शहर है,
वो जो अपनो के संग खुस था, वो सपनो मे ना जाने किधर है !!
सपने तो ना मिले अब तक, मगर अपने दूर हो गये है,
आया था कुछ पाने यहाँ पर, मगर मेरे सपने हि मुझसे खो गये है !!!
(इस सायरी का उद्देश्य लोगो को ये बताना है कि कहि अपने को खुशि देने कि कोशिश मे आप अपने चाहने वालो से दूर मत हो जाना )
लेखक :: रोशन धर दुबे
तिथि :: 25 नवम्बर 2011
Wednesday, November 16, 2011
उमर का ये पडाव कैसा है?
उमर का ये पडाव कैसा है?
जहां सब कुछ तो है, फिर भि अकेलेपन का दिल पे घाव कैसा है?
अपना तो हर कोई है आंखो के सामने,
फिर भि आंखो मे एक इंतेजार कैसा है?
चाहते तो है सबको एक बराबर इसी दिल से,
फिर भि ये चाहत का एक नया अंदाज कैसा है?
बचपन से आज तक जो रोता था मै आंखो मे आंसुओ को लेकर,
आज मेरा ये दिल ही दिल मे रोने का अंदाज कैसा है?
जो कभी ना बोल पाया अपने चाहने वालो से,
वो आज बोलने को मेरा दिल तरसता है,
ये आज अचानक ये मेरे दिल क हाल कैसा है?
लेखक : रोशन धर दुबे
सयरी लिखने का सहि समय: 16 नवम्बर 2011 (दोपहर 3:14)
जहां सब कुछ तो है, फिर भि अकेलेपन का दिल पे घाव कैसा है?
अपना तो हर कोई है आंखो के सामने,
फिर भि आंखो मे एक इंतेजार कैसा है?
चाहते तो है सबको एक बराबर इसी दिल से,
फिर भि ये चाहत का एक नया अंदाज कैसा है?
बचपन से आज तक जो रोता था मै आंखो मे आंसुओ को लेकर,
आज मेरा ये दिल ही दिल मे रोने का अंदाज कैसा है?
जो कभी ना बोल पाया अपने चाहने वालो से,
वो आज बोलने को मेरा दिल तरसता है,
ये आज अचानक ये मेरे दिल क हाल कैसा है?
लेखक : रोशन धर दुबे
सयरी लिखने का सहि समय: 16 नवम्बर 2011 (दोपहर 3:14)
Monday, November 14, 2011
सितारे हो, चांद हो या फिर सुरज हो,
सितारे हो, चांद हो या फिर सुरज हो,
हर पल ये घुमते ही रह्ते है,
चाह्त हो या ना हो मंजिल को पाने कि,
मगर ये मंजिल पाने को तरसते रहते है,
वक्त कि सिडियां चाहे कितनि लम्बी हो जाये,
मागर ये वक्त की नजाकत पे हि ढलते रहते है,
इनके तो दिल भी नहि है हम लोगो जैसा,
मगर ये तो हम जैसो के खतिर तिल तिल के जलते रहते है !!
लेखक ==रोशन धर दुबे
समय ==14 नवम्बर 2011 (सायंकाल 7:45)
Sunday, November 13, 2011
Dil To Rota Hai Aksar Un Gujare Lamho Ko Yaad Karke..
Dil To Rota Hai Aksar Un Gujare Lamho Ko Yaad Karke*
Jo Gujare The Apni Galiyon Me Nabaab Bankar Ke..!
Thand Ho Ya Barsaat Aksar Gali Ke Nukkad Pe EK Cup Chay Se Din Ki Suruaat Karte*,
Garmi Ki Dhoop Ho Ya Barish Ki Boond Ho,
Mohaale Ki Ronak Ho Ya Apni Dil Ki Manjil Ho,
Apni Gali Ki Dukan Pe Baith Sabpe Najar Rakhte..!
Jo Gujare The Apni Galiyon Me Nabaab Bankar Ke..!
Thand Ho Ya Barsaat Aksar Gali Ke Nukkad Pe EK Cup Chay Se Din Ki Suruaat Karte*,
Garmi Ki Dhoop Ho Ya Barish Ki Boond Ho,
Mohaale Ki Ronak Ho Ya Apni Dil Ki Manjil Ho,
Apni Gali Ki Dukan Pe Baith Sabpe Najar Rakhte..!
Hawa To Aayi Thi Meri Jindagi Me...
Hawa to aayi thi meri jindgi me*
Mgr maut ka ek tufan bankar,
Mili to thi khushiyan hazar humko*
Mgr kisi ka diya ehsaan bankar,
Jindgi v mili mujhko to kaisi mili,
Maano khili dhoop me ek pal barish ka nishan bankar.
Kabhi Kabhi Ye Barish V Hamse Majak Karti Hai...
Kabhi kabhi ye barish v hamse majak karti hai,
Na chahte hue v humko bhigo kar barbad karti hai.
khelti hai ye humari khusi se, humko nahlakar hamare izzat ka achar karti hai
Na chahte hue v humko bhigo kar barbad karti hai.
khelti hai ye humari khusi se, humko nahlakar hamare izzat ka achar karti hai
Mujhe Unki Muskurahat Har Waqt Bhati Hai....
Mujhe unki muskuraht har waqt bahut bhati hai,
Jab wo mere or dekh apni najre churati hai,
Na jane wo mujhse kuch kehna chahti hai,
Shayad isiliye koi bahana lekar mere har waqt karib aati hai.
Thursday, November 10, 2011
Waqt Ke Dariya Me Ek Mnjar Apno Ka Bhi Ho...
Waqt Ke Dariya Me Ek Mnjar Apno Ka Bhi Ho,
Kabhi Ek Pal Dard Ka To Dujhe Pal Khushiyo Ka bHi Ho,
Jisne Kar Diya Hai Mujhko Door Mere Sapno Se,
Kal Wo Sapna Ek Pal Ko Uska Bhi Ho,
Mila Hai Jo Safar Mujhe Meri Jindagi Ka,
Us Safar Me Ek Pal Khushi Ka Bhi Ho,
Jo Sochte Hai Ki Dard Hi Dard Hai Unki Jindagi Me,
Ek Subah Unki Jindagi me Khushiyon Ka Mela Ho,
Jo Chod Gaya Mujhko Akela Is Maut Ke Dariya Me,
Kal Ko Uska Bhi Jivan Me Ek Pal Akela Ho,
Jo Dard Maine Sahaa Hai Kash Uska Ehsas Uske Bhi Dil Me Ho,
Mile Sikh Usko Bhi Mujhe Mere Sapne Se Door Karne Ki,
Kash Wo Bhi Ek Pal Apno Ke Bagair Is Jahaan Me Akela Ho,
Jo Mehsus Kar Le Meri Is Paheli Ko,
Wo Is Jahan Me Kabhi Akela Na Ho.
Saturday, November 5, 2011
A Dream House OF Happiness
Ye Such Hai Humara Aaj Ka,
Ki Kal Humara Bhi Ek Karwan Hoga,
Jinhone China Hai Humse Humari Khusiyon Ke Pal,
Ek Din Unko Bhi Humare Such Ko Janana Hoga,
Waqt To Lagte Hai Halat Ko Badlne Me,
Jis Din Mila Mauka Takdeer Se,
To Humare Naam Ka Bhi Ek Khusiyon Bhara Mahal Hoga.
Rock Without Terror
***Rock Without Terror***
Ye Dikhawe Ke Kapde Na Sahi,
Mgar Humpe Such K Sapne To Hai,
Log To Chod Dete Hai Khoon Ke Riston Ko Bhi,
Magr Hum To Alag-Alag Hokar Bhi Ek-Duje Ke Apne Hai.
Hum Unpe Kya Bharosa Kare..
Jo Log Such Ke Chadr Ko Lapet..
Jhoot Ke Raste Par Chal Dete Hai,
Jinhone Ne China Hai Humse Hamara Aashiyana..
Wo Log To Apno Ko Bhi Ek Waqt Ke Baad Loot Lete Hai.
Wednesday, November 2, 2011
Nayi Subah Me Aaj Ek Naya Aagaj Karunga.....
Nayi Subah Me Aaj Ek Naya Aagaj Karunga,
Naye-Naye Sapno Ko Aaj Fir Ek Nayi Suruaat Dung..!
Apni Jindagi ke Har Pal Me Rakhunga Apni Biti Yadon Ko,
Jab Bhi Tutega Sapna Tab Khud Ko Un Yadon Me Chipa Lunga..!
Nayi-Nayi Umango Ke Sang Apni Har Sapno Ko Jiunga,
Ishq,Pyar aur Mohabbat in teeno ko Har Sapne Me Rakhunga..!
Toot Ke Bhi Jood Jaunga Akelepan Se Ladkar,
Maa-paapa Ki Jholi Me Khusiyon Ko Bhar Dunga..!
Jo Mamta Aur Pyar Diya Hai Chanv Unhone Ne Mujhe,
Unki Har Ek Baat Ko Apni Yadon Me Jinda Rakhunga..!
Mila Hai Jo Pyar Bhayi, Bahan Aur Yaron Ka,
Uski Har Kimat Mai Chukaunga..!
Mera Sapna To Pyar Aur Khushiyan Hai,
Jinhe Har Subah Nayi Nayi Baaton Se Sajaunga..!
Suraj Jaise Lata Hai Kiran Roshni Ki,
Wiase Hi Apno Ke Jivan Me Khusiyo Ke Pal Le Kar Mai Roshan Aaunga.!
Naye-Naye Sapno Ko Aaj Fir Ek Nayi Suruaat Dung..!
Apni Jindagi ke Har Pal Me Rakhunga Apni Biti Yadon Ko,
Jab Bhi Tutega Sapna Tab Khud Ko Un Yadon Me Chipa Lunga..!
Nayi-Nayi Umango Ke Sang Apni Har Sapno Ko Jiunga,
Ishq,Pyar aur Mohabbat in teeno ko Har Sapne Me Rakhunga..!
Toot Ke Bhi Jood Jaunga Akelepan Se Ladkar,
Maa-paapa Ki Jholi Me Khusiyon Ko Bhar Dunga..!
Jo Mamta Aur Pyar Diya Hai Chanv Unhone Ne Mujhe,
Unki Har Ek Baat Ko Apni Yadon Me Jinda Rakhunga..!
Mila Hai Jo Pyar Bhayi, Bahan Aur Yaron Ka,
Uski Har Kimat Mai Chukaunga..!
Mera Sapna To Pyar Aur Khushiyan Hai,
Jinhe Har Subah Nayi Nayi Baaton Se Sajaunga..!
Suraj Jaise Lata Hai Kiran Roshni Ki,
Wiase Hi Apno Ke Jivan Me Khusiyo Ke Pal Le Kar Mai Roshan Aaunga.!
Thursday, October 20, 2011
Swagat Hai Tera Mere Dil Ke Dariya Me............
Swagat Hai Tera Mere Dil Ke Dariya Me,
Rahega Tu Mehfuz Is Roshan Ki Duniya Me,
Karunga Gujarish Ki Kasti Humare Hi Sahil Me Lana,
Jab Dil Me Ho Tufan Ka Dar To Hume Aawaz Lagan,
Faila Denge Har Tarf Tere Roshani Ki Nisha,
Jab Talak Tu Rahe Mere Sath Hum Tujhko Khushiyon Se Bhar Denge,
Agar Aaye Tere Ankho Me Dard-e-Gum Ke Ansu,
To Tere Liye Puri Duniya Ki Kasti Apne Sahil Me Doobo Denge,
Teri Jindagi K Karib Na Aane Denge Andhere Ko,
Har Pal Har Nisha Me Teri zindagi Ko Apni Roshni Se Bhar Denge,
Written By-Roshan Dubey Dedicated To All Friend's Who Want To Join Me....
Rahega Tu Mehfuz Is Roshan Ki Duniya Me,
Karunga Gujarish Ki Kasti Humare Hi Sahil Me Lana,
Jab Dil Me Ho Tufan Ka Dar To Hume Aawaz Lagan,
Faila Denge Har Tarf Tere Roshani Ki Nisha,
Jab Talak Tu Rahe Mere Sath Hum Tujhko Khushiyon Se Bhar Denge,
Agar Aaye Tere Ankho Me Dard-e-Gum Ke Ansu,
To Tere Liye Puri Duniya Ki Kasti Apne Sahil Me Doobo Denge,
Teri Jindagi K Karib Na Aane Denge Andhere Ko,
Har Pal Har Nisha Me Teri zindagi Ko Apni Roshni Se Bhar Denge,
Written By-Roshan Dubey Dedicated To All Friend's Who Want To Join Me....
Monday, October 17, 2011
Pyar Kiya Hai TO Us Par Aitbaar Bhi Karna....
Pyar kiya hai to us par aitbaar bhi karna,
Intejar kiya hai to izhaar bhi karna,
Kabhi bewfa mat kehna us wafa dene wale ko,
Agr dur jaye wo tum se to,
Kabhi us pe war na karna,
Jab bhi chalo safar pe kisi to,
Har waqt apne humsafr se pyar karna,
Gum me bhi khushi ki barish hogi teri aankho se,
Bus ek baar dil se apni mohabbat ko yaad karna.
Dedicated To Himanshu Chaurasia & his love (At Facebook)
Intejar kiya hai to izhaar bhi karna,
Kabhi bewfa mat kehna us wafa dene wale ko,
Agr dur jaye wo tum se to,
Kabhi us pe war na karna,
Jab bhi chalo safar pe kisi to,
Har waqt apne humsafr se pyar karna,
Gum me bhi khushi ki barish hogi teri aankho se,
Bus ek baar dil se apni mohabbat ko yaad karna.
Dedicated To Himanshu Chaurasia & his love (At Facebook)
Friday, October 14, 2011
Dosto Se Achhe To Dusman Hote Hai Jo Samne Se War Karte Hai.....
Dosto se achhe to dusman hote hai jo samne se war karte hai,
Mgr ye dost to dimag ke raste dil pe war karte hai,
Ae Ye mujhe padne wale tu v dosti mat karna,
kyunki aaj ke log dost bankar hi teri har khusi maar dete hai.
Mgr ye dost to dimag ke raste dil pe war karte hai,
Ae Ye mujhe padne wale tu v dosti mat karna,
kyunki aaj ke log dost bankar hi teri har khusi maar dete hai.
Dosto Se Achhe To Dusman Hote Hai Jo Samne Se War Karte Hai.....
Dosto se achhe to dusman hote hai jo samne se war karte hai,
Mgr ye dost to dimag ke raste dil pe war karte hai,
Ae Ye mujhe padne wale tu v dosti mat karna,
kyunki aaj ke log dost bankar hi teri har khusi maar dete hai.
Mgr ye dost to dimag ke raste dil pe war karte hai,
Ae Ye mujhe padne wale tu v dosti mat karna,
kyunki aaj ke log dost bankar hi teri har khusi maar dete hai.
Ab Pataa Chalaa Ki Dost v Matalbi Hote Hai........
Ab pataa chalaa ki dost v matalbi hote hai,
Jab pa jate hai apni manjil to hume bhul jate hai,
En dosto se achhe to mere dusman hai,
Jo raste me milte hai to kam se kam ek bar meri or dekh lete hai.
Jab pa jate hai apni manjil to hume bhul jate hai,
En dosto se achhe to mere dusman hai,
Jo raste me milte hai to kam se kam ek bar meri or dekh lete hai.
Ab Dosto Ki Dosti Par V Bharosa Na Raha....
Ab to dosto ki dosti par v bharosa na raha,
kaun kab chod de mera sath isliye inki batao par v bharosa n raha,
mai to sochta tha ki ek dost hi hota hai jo har waqt deta hai sath,
mgr jis tarah ek dost ne choda mera sath,
mujhe ab dost k naam par v bharosa n raha.
kaun kab chod de mera sath isliye inki batao par v bharosa n raha,
mai to sochta tha ki ek dost hi hota hai jo har waqt deta hai sath,
mgr jis tarah ek dost ne choda mera sath,
mujhe ab dost k naam par v bharosa n raha.
Kabhi Mere Pyar Pe Shak Mat karna.........
Kabhi mere pyar pe shak mat karna,
Agr ho na mujh par bharosa to,
Mujh par kabhi apna hak mat rakhna,
Hum to ashiki sirf apne chahne walon se hi rakhte hai,
Agr na ho tere dil me mere liye mohabbat,
To mujhe is duniya me kabhi jinda mat samjhanaa.
*I cnt live without love*
Agr ho na mujh par bharosa to,
Mujh par kabhi apna hak mat rakhna,
Hum to ashiki sirf apne chahne walon se hi rakhte hai,
Agr na ho tere dil me mere liye mohabbat,
To mujhe is duniya me kabhi jinda mat samjhanaa.
*I cnt live without love*
Bhul Kar V Hume Ek Pal Ko Bhula Mat Dena...
Bhul kar v hume ek pal ko bhula mat dena,
Apni yado ke sahare hume rula mat dena,
Karte hai hum pyar tumhare ruh se,
To kabhi apni ruh ko humse juda mat kar lena.
Apni yado ke sahare hume rula mat dena,
Karte hai hum pyar tumhare ruh se,
To kabhi apni ruh ko humse juda mat kar lena.
Har Ek Shaks Ne Mujhe Sataya Hai.....
Har ek shaks ne mujhe sataya hai,
Such kahu to is matlbi Duniya me kaun kise apna keh paya hai,
Mere jhakham pe hi har shaks de deta hai jakham,
Kaha koi is duniya me mujhe samajh paya hai.
Such kahu to is matlbi Duniya me kaun kise apna keh paya hai,
Mere jhakham pe hi har shaks de deta hai jakham,
Kaha koi is duniya me mujhe samajh paya hai.
O Shaki Pyar Mat Karna.....
O shaki pyar mat karna,
Warna tu bemaut mari jayegi,
O shaki tu kabhi ikrar mat karna,
Warna teri khushi ek "na" se maari jayegi.
Warna tu bemaut mari jayegi,
O shaki tu kabhi ikrar mat karna,
Warna teri khushi ek "na" se maari jayegi.
O Shaki Pyar Mat Karna.....
O shaki pyar mat karna,
Warna tu bemaut mari jayegi,
O shaki tu kabhi ikrar mat karna,
Warna teri khushi ek "na" se maari jayegi.
Warna tu bemaut mari jayegi,
O shaki tu kabhi ikrar mat karna,
Warna teri khushi ek "na" se maari jayegi.
Hansti Hai Wo Mujhe Dard Dekar............
Hansti hai wo mujhe dard dekar,
Fir v uski khusi dekhkar mujhe khusi milti hai,
Use milti hai sukun mujhe tadapta dekhkar,
Aur mere dil me uska sukun dekhkar sukun milti hai.
Fir v uski khusi dekhkar mujhe khusi milti hai,
Use milti hai sukun mujhe tadapta dekhkar,
Aur mere dil me uska sukun dekhkar sukun milti hai.
Hansti Hai Wo Mujhe Dard Dekar............
Hansti hai wo mujhe dard dekar,
Fir v uski khusi dekhkar mujhe khusi milti hai,
Use milti hai sukun mujhe tadapta dekhkar,
Aur mere dil me uska sukun dekhkar sukun milti hai.
Fir v uski khusi dekhkar mujhe khusi milti hai,
Use milti hai sukun mujhe tadapta dekhkar,
Aur mere dil me uska sukun dekhkar sukun milti hai.
Meri Raato Ki Neend Koi Churane Me Lag Gaya Hai....
Meri Raato ki neend koi churane me lag gaya hai,
Ab to koi mere jindgi k gum ko v mujhse chupane me lag gaya hai,
Na jane wo humse such me kyu nhi milta?
Jiske liye mera dil har waqt pyar bhare sapne sajane me lag gaya hai.
Ab to koi mere jindgi k gum ko v mujhse chupane me lag gaya hai,
Na jane wo humse such me kyu nhi milta?
Jiske liye mera dil har waqt pyar bhare sapne sajane me lag gaya hai.
Kyu Kisi Ajnabi Se Hum Raah Chalte Rista Bana Lete Hai ???
Kyu kisi ajnabi se hum raah chalte rista bana lete hai?
Bina use jane hi use apne sine se lagaa lete hai,
Kyu majboor ho jata hai hamara dil itna,
Ki us anjaan k liye hum apna sab kuch gawaan dete hai?
~Dnt love2starnger ~
Bina use jane hi use apne sine se lagaa lete hai,
Kyu majboor ho jata hai hamara dil itna,
Ki us anjaan k liye hum apna sab kuch gawaan dete hai?
~Dnt love2starnger ~
हमको तो हर पल अपनी खुशी ने ही गम दिया है...
हमको तो हर पल अपनी खुशी ने ही गम दिया है,
जब भी मीली जिन्दगी तो मौत ने मेरा दामन थाम लिया है,
मैने जिसको सिखाया प्यार करना,
आज उसी ने मुझसे मेरा प्यार छिन लिया है,
आज तो मेरी जिन्दगी से उसने खुशियोँ का संसार हि छिन लिया है ।
लेखन दिनाँक-4जुलाई11
जब भी मीली जिन्दगी तो मौत ने मेरा दामन थाम लिया है,
मैने जिसको सिखाया प्यार करना,
आज उसी ने मुझसे मेरा प्यार छिन लिया है,
आज तो मेरी जिन्दगी से उसने खुशियोँ का संसार हि छिन लिया है ।
लेखन दिनाँक-4जुलाई11
Aaj Jindagi Ne Fir Mujhe Akela Kar Diya.........
Aaj jindagi ne fir mujhe akela kar diya,
Sath tha jo mera yaar,
Aaj use v mujhse juda kar diya,
Kaisa sitam hai jindagi ka mujh par,
Jo v mila mujhse,
Usne use hi mujhse cheen liya.
Sath tha jo mera yaar,
Aaj use v mujhse juda kar diya,
Kaisa sitam hai jindagi ka mujh par,
Jo v mila mujhse,
Usne use hi mujhse cheen liya.
Har Dil Me Chupa Dard Ka Sailab Hai.......
Har dil me chupa dard ka sailab hai*
Sabke hontho pe daba koi khule panno ka kitab hai,
Aankho se bahne ko aansu v betab hai*
Mgr dikhave k liye chehre pe jhalkta muskurat ka ek andaj hai.
Sabke hontho pe daba koi khule panno ka kitab hai,
Aankho se bahne ko aansu v betab hai*
Mgr dikhave k liye chehre pe jhalkta muskurat ka ek andaj hai.
Har Kadam Pe Deewar Hai Jhoot Ka........
Har kadam pe deewar hai jhoot ka*
Har chehre par nakab hai jhoot ka,
Samundar me ghira har kasti kinara chu leta*
Agr hota na dariya safed kapdo me saje kale ruh ka.
*Stop The Politics From Life*
Har chehre par nakab hai jhoot ka,
Samundar me ghira har kasti kinara chu leta*
Agr hota na dariya safed kapdo me saje kale ruh ka.
*Stop The Politics From Life*
Khushiyo ko bikharne me der nhi lagti.........
Khushiyo ko bikharne me der nhi lagti,
Duniya ko badlne me v der nhi lagti,
Der to lagti hai kisi k dil k karib pahuncne me,
Warna Kisi ka dil tod jane me v der nhi lagti.
Duniya ko badlne me v der nhi lagti,
Der to lagti hai kisi k dil k karib pahuncne me,
Warna Kisi ka dil tod jane me v der nhi lagti.
Jamane ne aksar bekhudi ko kyu pukara hai......
Jamane ne aksar bekhudi ko kyu pukara hai?
Jo unka na hua wo usi ko pukara hai.!
N jane kyu tadpta hai dil usi k liye,
Jisne na kabhi ek waqt v humare liye gujara hai..!
Na to khushi hai aur na hi ab gum hai,
Kyunki bagair unke ek pal jina v ganvara hai...!!
Sochta hu chod du ab jami ko, kynki yaha koi na humara hai....!!
Ab to raat din asma ko hi dekhte hai,
Kyunki aasma me chamkta hi ab koi sahara hai....!!!
Jisme lagte hai dher sare sitare,
Unhi me se koi ab humara hai.
Na jane bekhudi me ye dil kyu har waqt maine haara hai?
Jo apna nhi hai wahi sabse pyara hai..!
Jo unka na hua wo usi ko pukara hai.!
N jane kyu tadpta hai dil usi k liye,
Jisne na kabhi ek waqt v humare liye gujara hai..!
Na to khushi hai aur na hi ab gum hai,
Kyunki bagair unke ek pal jina v ganvara hai...!!
Sochta hu chod du ab jami ko, kynki yaha koi na humara hai....!!
Ab to raat din asma ko hi dekhte hai,
Kyunki aasma me chamkta hi ab koi sahara hai....!!!
Jisme lagte hai dher sare sitare,
Unhi me se koi ab humara hai.
Na jane bekhudi me ye dil kyu har waqt maine haara hai?
Jo apna nhi hai wahi sabse pyara hai..!
Monday, October 3, 2011
Nagine To Bahut Dekhe Magr Aisee Koi Nagin Na Dekhi........
Nagine To Bahut Dekhe Magr Aisee Koi Nagin Na Dekhi,
Jo De Kar Maut Ka Dans Bhi Na Marne De Aisee Maut Na Dekhi,
Teri Saheli Ke Husn Ka Jo Jalwa Chada Hai Mujh Par,
Tu Mila K To Dekh Usko Mujhse Phir Wo Kahegi Ki,
Usne Kabhi Mere Jaisee Aasiki Nahi Dekhi
Jo De Kar Maut Ka Dans Bhi Na Marne De Aisee Maut Na Dekhi,
Teri Saheli Ke Husn Ka Jo Jalwa Chada Hai Mujh Par,
Tu Mila K To Dekh Usko Mujhse Phir Wo Kahegi Ki,
Usne Kabhi Mere Jaisee Aasiki Nahi Dekhi
Are Hum To Musafir Hai Zindagi Ke...........
Are hum to musafir hai zindagi ke,
jab talak bhi chanv najar aata hai
To khud ko kuch pal ke liye rok lete hai,
Manjil to hajar hai is roshan-e-jahan ki,
Jab bhi dhoop nikali hai to kuch pal aage ko chal lete hai...
jab talak bhi chanv najar aata hai
To khud ko kuch pal ke liye rok lete hai,
Manjil to hajar hai is roshan-e-jahan ki,
Jab bhi dhoop nikali hai to kuch pal aage ko chal lete hai...
Hum Apni Hasraton Ko Sine Se Lagaye Rakhe Hai.......
Hum apni hasraton ko sine se lagaye rakhe hai,
Mil jaye unko unki jagah is aas me teri saheli
ki tasveer apne wallpaper pe lagaye baithe hai.
Mil jaye unko unki jagah is aas me teri saheli
ki tasveer apne wallpaper pe lagaye baithe hai.
Waqt Bhale Hi Gujar Jaye
Waqt Bhale Hi Gujar Jaye Magar Wo Dilkash Muskan Mujhe Har Waqt Yaad Aayegi,
Tu Mile Ya Na Mile Sanam Ab To Har Sururat Me Teri Hi Tasveer Mere Dil Ko Naja Aayegi...
*Dedicated To A Friend Of Friend's Picture On Facebook *
Tu Mile Ya Na Mile Sanam Ab To Har Sururat Me Teri Hi Tasveer Mere Dil Ko Naja Aayegi...
*Dedicated To A Friend Of Friend's Picture On Facebook *
Saturday, October 1, 2011
Dil Ke Dariya Me Kabhi Sukha Nahi Padta
Dil Ke Dariya Me Kabhi Sukha Nahi Padta,
Agr Ho Sachhi Mohabbat To koi Rutha Nahi rahta,
Bhula Dete Hai Hum Sabhi Gile Shikawe Mohabbat Me,
Kyunki Mohabbat Se Koi Jindagi Me Achuta Nahi Rahta.
Agr Ho Sachhi Mohabbat To koi Rutha Nahi rahta,
Bhula Dete Hai Hum Sabhi Gile Shikawe Mohabbat Me,
Kyunki Mohabbat Se Koi Jindagi Me Achuta Nahi Rahta.
Friday, September 16, 2011
Chala Hai Jo Sfar Pe.....
Chala Hai Jo Safar Pe, Na Jane Wo Safar Kahaa Tham Jayega…
Jindagi ki Gadi ka Pahiya, Na Jane Kis Mod Pe Tham Jayega …
Petol/Deasel Hai Ab Sans Se Bhi Mahnga, Na Jane Wo Kab Khatam Ho Jayega…
Chala Hai Jo Safar Pe , Na Jane Wo Safar Kahaa Tham Jayega…
Jindagi Se Bhi Hai Tej Ab Mahangayi Ka Pahiya, Na Jane Kab Wo Jite Ji Badh Jayega…
Guman Na Karna Apni Jnadagi Par, Na Jane Kis Ghadi WO Maut Ki Mitti Me Mil Jayega…
Jindagi ki Gadi ka Pahiya, Na Jane Kis Mod Pe Tham Jayega…
Bachpan To Gaya, Ab Jawani Bhi Jayegi, Na Jane Kab Budhapa Aa Jayega…
Jindagi To Gujar Rahi Sabko Samjhane Me, Na Jane Kab Apno Se Daman Choot Jayega…
Chala Hai Jo Safar Pe, Na Jane Wo Safar Kahaa Tham Jayega …
Jindagi ki Gadi ka Pahiya, Na Jane Kis Mod Pe Tham Jayega …
Petol/Deasel Hai Ab Sans Se Bhi Mahnga, Na Jane Wo Kab Khatam Ho Jayega…
Chala Hai Jo Safar Pe , Na Jane Wo Safar Kahaa Tham Jayega…
Jindagi Se Bhi Hai Tej Ab Mahangayi Ka Pahiya, Na Jane Kab Wo Jite Ji Badh Jayega…
Guman Na Karna Apni Jnadagi Par, Na Jane Kis Ghadi WO Maut Ki Mitti Me Mil Jayega…
Jindagi ki Gadi ka Pahiya, Na Jane Kis Mod Pe Tham Jayega…
Bachpan To Gaya, Ab Jawani Bhi Jayegi, Na Jane Kab Budhapa Aa Jayega…
Jindagi To Gujar Rahi Sabko Samjhane Me, Na Jane Kab Apno Se Daman Choot Jayega…
Chala Hai Jo Safar Pe, Na Jane Wo Safar Kahaa Tham Jayega …
Friday, September 9, 2011
Dil Ki Sun Bahut Aage Ko Jayega.......
Dil ki sun bahut aage ko jayega,
Tadpta hai kyu dusare ke khatir,
kabhi khud ke liye to kuch kar,
Dusara to khud-B-khud tujhe apne dil me Basayega....
Tadpta hai kyu dusare ke khatir,
kabhi khud ke liye to kuch kar,
Dusara to khud-B-khud tujhe apne dil me Basayega....
Thursday, September 8, 2011
Jab Bhi Soya To Apni Aankhe Khuli Payi....
Jab bhi soya to apni aankhe khuli hi paayi,
Gahri need to aayi mgr saanse na tham payi,
Kosish to ki jindagi khushiyo se basar karne ki,
Mai raato ko soya magr meri raaate na so payi.
Ujale ki chamak to har waqt mere mathe pe aayi,
Mgr jindagi me chand pal ki roshni mil payi.
Roya to bahut mgr aansu ankho me na aayi,
Jiya to bahut mgr jindagi na najar aayi.
Jab Din Ho Khushiyo Bhari Aur Raat Ke Sapne Me ....
Jab din ho khushiyo bhari,
Aur rat k sapne me ho koi dilkash pari,
Tabhi Koi aawaz aa jaye agar dari dari,
To samjh lena mere dosto ye duniya hi hil padi.
*Happy EarthQuake Of My Life At Shahibabad (11:40 Pm In Night 7 Sep11)*
Sunday, September 4, 2011
Ki Tumari Ye Najre Yu Sharma Rhi Hai....
Ki tumari ye najre yu sharma rhi hai,
Ki manoo ye tere dil ki baaten humse chupa rahi hai,
Husn ka jalwa kuch is kadar chad gaya hai tujh par,
Ki tere dil ki chaht sabki najar me aa rahi hai...*
Dedicated to my friend pic at facebook--Richa Rai
Friday, September 2, 2011
Rafta-Rafta Ye Suraj Upar Ko Chad Jayega.....
Rafta-rafta ye suraj upar ko chad jayega,
Jindagi me har waqt ek naya mod aayega,
Jisne jiya hai gum ka ek pal,
Usase milne khushi bhi ek pal ko aayega.
Rafta-rafta ye rat din me badal jaayega,
Sabke jivan Me Khushi ki mahak ye roshan failayega.
W.By-Roshan Dubey
Written Date->2sep11.
Monday, July 25, 2011
Dil Ki Chahat Se Kabhi Samjhauta Na Kijiye...
Dil ki chahat se kabhi samjhauta na kijiye,
Jab v meri yaad aaye to mujhe iski aahat dijiye,
Raat ke taro se mohabaat hai to kya hua,
kuch pal is din k suraj se bhi chaht kijiye.
~w.by-roshan ~ At <11april11>
Jab v meri yaad aaye to mujhe iski aahat dijiye,
Raat ke taro se mohabaat hai to kya hua,
kuch pal is din k suraj se bhi chaht kijiye.
~w.by-roshan ~ At <11april11>
Mujhe Unki Muskuraht Har Waqt Bahut Bhati Hai
Mujhe unki muskuraht har waqt bahut bhati hai,
Jab wo mere or dekh apni najre churati hai,
Na jane wo mujhse kuch kehna chahti hai,
Shayad isiliye koi bahana lekar mere har waqt karib aati hai.
Jab wo mere or dekh apni najre churati hai,
Na jane wo mujhse kuch kehna chahti hai,
Shayad isiliye koi bahana lekar mere har waqt karib aati hai.
Monday, July 18, 2011
Sundarta Man Ki Nahi Tan Ki Aankho Se Dekhi Jati Hai....
Sundarta man ki nahi tan ki aankho se dekhi jati hai,
Komalta tan se nahi man ki gaharaayi se napi jati hai,
Gumaan mat karna kabhi apni honto ki dabish par,
Kyonkii logo ki samajh ko humesha man ki sachhayi se bhapi jati hai.
Komalta tan se nahi man ki gaharaayi se napi jati hai,
Gumaan mat karna kabhi apni honto ki dabish par,
Kyonkii logo ki samajh ko humesha man ki sachhayi se bhapi jati hai.
Friday, June 10, 2011
Mudatton baad to koi aaj hume sahara mila hai..........
Mudatton baad to koi aaj hume sahara mila hai,
Lakh khojte rahe us kinare ko,
Jo aaj bhare bajar hume humara mila hai,
Lakho ki bheed thi magar,
Girte waqt hume to sirf usi ka sahara mila hai,
Na jane kaun si gadi thi,
Jab gairo ke beech koi apna banke humara mila hai.
*Dedicated to all my friends whom meet me until today from my childhood*
Lakh khojte rahe us kinare ko,
Jo aaj bhare bajar hume humara mila hai,
Lakho ki bheed thi magar,
Girte waqt hume to sirf usi ka sahara mila hai,
Na jane kaun si gadi thi,
Jab gairo ke beech koi apna banke humara mila hai.
*Dedicated to all my friends whom meet me until today from my childhood*
Sunday, May 29, 2011
Muddaton Baad Aaj Mujhe Meri Chahat Ka Aagaj Mila Hai......
Muddaton baad aaj mujhe meri chahat ka aagaj mila hai*
Aap jaise dost ka humko jo pyar bharaa sath mila hai*
Kush rahe aap sada dil se,
Kyunki aapki khushi se hi mujhko jine ka ehsaas mila hai.
Written Date-29 may 2011
Pls visit On my Blog->http://rdshayri.blogspot.com/
Aap jaise dost ka humko jo pyar bharaa sath mila hai*
Kush rahe aap sada dil se,
Kyunki aapki khushi se hi mujhko jine ka ehsaas mila hai.
Written Date-29 may 2011
Pls visit On my Blog->http://rdshayri.blogspot.com/
Saturday, May 21, 2011
EHSAS hai mujhko APNI ki gayi har khataon KA..........
EHSAS hai mujhko APNI ki gayi har khataon KA,
AB yu na de saja meri har jafaon KA,
KAHI teri di gayi saja meri JAAN na le LE,
TU fir kabhi na dikhana APNI aisee adayen mohabbat KA.
JinDgi Se Humne Jab PHOOL Manga To Kante Mile,
JinDgi Se Humne Jab PHOOL Manga To Kante Mile,
Jab Bhi Mangi Thi Khushi To GUM Mile,
Mangne Ko jab Kuch bhi Na Bacha To,
Bina Mange HUMKO Ek aap Mile.
~अब आपकि याद तडपा रही है~
Jab Bhi Mangi Thi Khushi To GUM Mile,
Mangne Ko jab Kuch bhi Na Bacha To,
Bina Mange HUMKO Ek aap Mile.
~अब आपकि याद तडपा रही है~
Ishaq Karna Aasan Nhi Hota..........
Ishaq karna aasan nhi hota,
Mgr ishaq me marna aasaan hota hai,
Jo kahte hai ki hum mohabbat nhi karte,
Agr fans jaye wo ek baar mohabbat me to fir,
Usase niklna unke liye asaan nhi hota.
Jo Karoge Ishq Meri Tarah To..........
Jo karoge ishq meri tarah to*
Shayri aapko khud-b-khud aa jayegi,
Agr mangoge khusi to*
Bina mange gum ki barsat mil jayegi,
Likhoge "pyar" to*
Pad k har ankh se ansuon ki barsat nikal jayegi.
Jo Jakham Nasur Ban Jaye To........
Jo jakham nasur ban jaye to*
Jakhamo k bagahr hum ji nhi pate,
Jo pad jaye gum me jine ki aadat to*
Hum maut se door rah nhi pate,
Sach kahe hum to* Aap mat lagana dil kabhi kisi se,
Warna kal ko aap bhi kahoge*
Ki bina sharab k hum APNE ansuo ko pi nhi pate.
~£¤ \/ € IS PAINFUL ~
Jiska Mai Kal Tak Ehsas Karta Tha....
Jiska mai kal tak ehsas karta tha*
Aaj wo mujh par ehsaan ban gayaa,
Jisko diya tha dil maine*
Aaj usi ka mai gunahgar ban gayaa,
Purane jakham abhi bhare bhi na the*
Aur aaj usi jakham pe ek aur nayaa jakham ban gayaa.
आजकी बारिश ने हमे सिर से लेकर पाँव तक भिगा दिया.......
आजकी बारिश ने हमे सिर से लेकर पाँव तक भिगा दिया,
मानो लगा कि तेरे प्यार ने बादल को भि पिघला दिया,
अब तो गरम हवायंे भी ठँढ्ढी पड गयी तेरे प्यार कि परछायी मे आकर,
इन लम्होँ ने तेरी याद दिलाकर कर मेरे चेहरे को फिर से खिला दिया ।
लेखक-रोशन दुबे
मानो लगा कि तेरे प्यार ने बादल को भि पिघला दिया,
अब तो गरम हवायंे भी ठँढ्ढी पड गयी तेरे प्यार कि परछायी मे आकर,
इन लम्होँ ने तेरी याद दिलाकर कर मेरे चेहरे को फिर से खिला दिया ।
लेखक-रोशन दुबे
Thaki-Thaki Si Hai Meri Jindgi.....
Thaki-Thaki Si Hai Meri Jindgi*
Bujhi-Bujhi Si Hai Meri Har Khushi.
Ek Mile To Dusare Ki Talash Me Hai Meri Jindgi*
Na Jane Abhi Bhi Kisiki Aas Me Hai Ye Meri Jindgi.
Jab Suruaat Suraj Ki Roshni Se Ho To........
Jab suruaat suraj ki roshni se ho to*
Jindgi me har taraf roshni cha ja jati hai,
Jab aata hai andhera apne jivan me to*
Humko sirf apno ki yaad aati hai.
Waqt K Sath Sath Insan Bhi Badal Jata Hai..........
Waqt k sath sath insan bhi badal jata hai*
Samundar me tufan bhi ek waqt k baad hi aata hai**
Jab bhi aap akela mehsus karna jindgi k kisi mod par To is roshan ka intezar jarur karna**
Kyunki roshan.... suraj se jami par ujela karne bhi ek waqt k baad hi aata hai.
Afsos Karna Chod Do Gujare Hue Kal Ka.....
Afsos karna chod do gujare hue kal ka,
Dekho khusiya jindagi me aane wale kal ka,
Bahut manaa chuke gum apni Futi kismat par,
Ab suru kar do jeena khushi se apne jivan k har pal ka.
Dekho khusiya jindagi me aane wale kal ka,
Bahut manaa chuke gum apni Futi kismat par,
Ab suru kar do jeena khushi se apne jivan k har pal ka.
Meri Jindagi Ki Har Subah-Sham Me Kasak Sirf Aapki Hogi.....
Meri jindgi ki har subah-sham me kasak sirf apki hi hogi,
Lakh tanha karne ki koshish kar lo*
Magr mere pas to har waqt apki yadon ki hi toli hogi,
Lakh dokhe doge aap hume*
Magr har musibat me apko jarurat sirf meri hi hogi.
Lakh tanha karne ki koshish kar lo*
Magr mere pas to har waqt apki yadon ki hi toli hogi,
Lakh dokhe doge aap hume*
Magr har musibat me apko jarurat sirf meri hi hogi.
Samay Ke Sath Jajbat V Mar Jate Hai........
Samay k Sath Jajbat v Mar Jate Hai*
Chaht k Sath Alfaz v Mar Jate Hai.
Kisi ki Doobti Kasti Bach Jati Hai LaHro k Sath*
Magr Kuch To Samay ki Lahro k Sath Hi Mit Jate Hai.
~JUST LIKE ME ~
Sunday, May 15, 2011
Bachpan Se Aaj Tak (A little poem on my life).............
Wo Maa KA Aanchal, Wo Mamta Ka Badal.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Nani Ka Maa Ko Dantna, Wo Mausi Ka Puchkarana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Buaa Ke Haath Me Mera Haath, Wo Buddhi Dadi Ka Sath.....
Muje Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Chacha Ki Daant, Wo Baba Ki Kahi Har Ek Baat.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Roti Ki Chidiya, Wo Papa Ki Di Hui Gudiya.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Bhaiya Ka Mujhe Satana, Wo Behna Ka Mujhe Khilana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Mitti Ka Banaya Mera Ghar, Wo Dosto Ka Uspe Kahar.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Footbal Se Lagi Chot, Wo Aam ki Ped Se Girna.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Maa Ki God Me Hona, Wo Papa Ke Kandhe Par Raat-Raat Sona.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Dosto Ka Sath, Wo Har Pal Me Hui NokJhok Ki Baat.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Cricket Ka Junoon, Wo Dosto Ka Hujum.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo School Ki Padhayi, Wo Dosto Se Hui Meri Ladayi.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Ladkiyo Ko Chidhana, Wo Unke Piche Mere Dosto Ka Jana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo College Ka Fhasana, Wo Har Class Me Jakar Apni Dhauns Dikhana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Us Din Apne Pyar Se Milna, Wo Raina (Time) Jisme Apne Apko Har Khona.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Apno Se Bichadna, Wo Ankhon Se Ansu Ka Nikalna.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Apno Ki Yaad, Wo Har Raste Par Dosto Se Ki Gayi Baat,
Wo Pyar Ke Sang Pyar Bhare Pal Ki Saugat.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai..!!
~I can not forgot that memorial time for me~
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Nani Ka Maa Ko Dantna, Wo Mausi Ka Puchkarana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Buaa Ke Haath Me Mera Haath, Wo Buddhi Dadi Ka Sath.....
Muje Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Chacha Ki Daant, Wo Baba Ki Kahi Har Ek Baat.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Roti Ki Chidiya, Wo Papa Ki Di Hui Gudiya.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Bhaiya Ka Mujhe Satana, Wo Behna Ka Mujhe Khilana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Mitti Ka Banaya Mera Ghar, Wo Dosto Ka Uspe Kahar.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Footbal Se Lagi Chot, Wo Aam ki Ped Se Girna.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Maa Ki God Me Hona, Wo Papa Ke Kandhe Par Raat-Raat Sona.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Dosto Ka Sath, Wo Har Pal Me Hui NokJhok Ki Baat.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Cricket Ka Junoon, Wo Dosto Ka Hujum.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo School Ki Padhayi, Wo Dosto Se Hui Meri Ladayi.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Ladkiyo Ko Chidhana, Wo Unke Piche Mere Dosto Ka Jana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo College Ka Fhasana, Wo Har Class Me Jakar Apni Dhauns Dikhana.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Us Din Apne Pyar Se Milna, Wo Raina (Time) Jisme Apne Apko Har Khona.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Apno Se Bichadna, Wo Ankhon Se Ansu Ka Nikalna.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai,
Wo Apno Ki Yaad, Wo Har Raste Par Dosto Se Ki Gayi Baat,
Wo Pyar Ke Sang Pyar Bhare Pal Ki Saugat.....
Mujhe Ab Bhi Yaad Hai..!!
~I can not forgot that memorial time for me~
Monday, May 9, 2011
Jab Bhi Hume Yaad Aaayi To Sirf Teri Hi Yaad Aayi............
Jab Bhi Hume Yaad Aaayi To Sirf Teri Hi Yaad Aayi,
Jab Bhi Palken Jhukayi To Teri Hi Tasveer Aankho Me Najar Aayi,
Tu Rahe Na Rahe Ab Mere Saath,
Magar Jab Bhi Akela Hua To Mera Sath Dene Sirf Teri Hi Yaad Aayi.
"Written Execlusive On FaceBook At 9 May 2011 The Page Of Tera Hone Laga Hu"
Jab Bhi Palken Jhukayi To Teri Hi Tasveer Aankho Me Najar Aayi,
Tu Rahe Na Rahe Ab Mere Saath,
Magar Jab Bhi Akela Hua To Mera Sath Dene Sirf Teri Hi Yaad Aayi.
"Written Execlusive On FaceBook At 9 May 2011 The Page Of Tera Hone Laga Hu"
Suraj Ki Kirano Ki Tarah Teri Yaad Chali Aati Hai....
SURAJ ki kirno ki tarah teri yaad chali aati hai,
TUJHSE milne ki chaht khud b khud jag jati hai,
PURE din me doondhte rah jate hai aur raat ho jati hai,
HUM lakh chupaye tujhse mgr such hai ki*
AB to sapno me milne ki khatir hume din me bhi raat najar aati hai.
Written Date-28 April 2011
TUJHSE milne ki chaht khud b khud jag jati hai,
PURE din me doondhte rah jate hai aur raat ho jati hai,
HUM lakh chupaye tujhse mgr such hai ki*
AB to sapno me milne ki khatir hume din me bhi raat najar aati hai.
Written Date-28 April 2011
Aaj Ek Nayi Suruaat Likhenge Hum........
Aaj Ek Nayi Suruaat Likhenge Hum,
Har Samay Me Safalta ki Raah Chalenge Hum.
Nhi Darenge Ab Jindagi k Andhero Se Hum,
Suraj ki Kirno k Sang Khushiyo ki Barsat Likhenge Hum.
Written Date-1 May 2011
Har Samay Me Safalta ki Raah Chalenge Hum.
Nhi Darenge Ab Jindagi k Andhero Se Hum,
Suraj ki Kirno k Sang Khushiyo ki Barsat Likhenge Hum.
Written Date-1 May 2011
Aaj Din Akele Suraj k Sang Gujara Hai...............
Aaj Din Akele Suraj k Sang Gujara Hai,
Ab Raat Chand-Taron k Sang Gujarni Hai,
Log kehte Hai Raat Tanha Lagti Hai,
Mgr Hum To Kehte Hai ki Raat To Hi Humko Apno k Paas Le Chalti Hai.
Written Date--1 May 2011
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