Friday, November 25, 2011

अगर राह चलते किसी से हो जाती मोहब्बत,

अगर राह चलते किसी से हो जाती मोहब्बत,
तो आज ये घर-घर मे नफरत कि दिवार न होती ।
अगर कहने से कर लेता कोई सच्ची मोहब्बत,
तो हर आशिक के दिल मे गम के आँसु कि झनकार न होती ।।

लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक एवँ समय: ४ जून २०११, २ बजकर ४० मिनट

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