किसि को एक पग मे सहारा मिल जाता है,
तो किसि से एक पग पे हि सहारा छिन जाता है,
अक्सर जिन गलियो से गुजरते है हम,
वहां कोइ ना कोइ दिल से हारा मिल जाता है,
बेचैन होता है कोइ किसि के लिये,
तो कोइ आंखो मे आंसु लिये मिल जाता है,
किसि को जिंदगि भर के लिये मिलति है खुशियां,
तो किसि के हिस्से मे दो पल हि खुशि का आता है !
लेखक:रोशन दूबे
लेखन दिनाँक: 14 दिसम्बर २०११ (सायकाल 8 बजे)
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